Hello friends and welcome to our new post, Here you will find wonderful poetry in Hindi for friendship. Are you looking for best poem in Hindi on friendship to share with your friends and family? Don’t worry here in this post we are sharing the latest and fresh friendship poem in Hindi for best friend.
कहते हैं कि दोस्ती का रिश्ता
बड़ा ही खूबसूरत होता है।।
अगर दोस्ती ही बेवफा हो जाये
तो यही रिश्ता सबसे बदसूरत होता है।।
दो दोस्त अगर बिछड़ जाये
तो ज़िन्दगी वीरान होती है।।
दोस्ती दो दिलों को जोड़ती है
वो बड़े से बड़े दुःख का असर तोड़ती है।।
दोस्तों हमेशा बांध कर रखना दोस्ती प्रेम की डोर से
क्योंकि दोस्ती के रिश्ते का कोई मोल नहीं होता है।।
अकेले में दोस्त ही काम आता है
ख़ुशी में भी दोस्ती के साथ हाथों में जाम आता है।।
दोस्त को कभी न खोना तुम
हमेशा दोस्त को दिल में बसाना तुम।।
We hope you like our post find something different in our posts then definitely share it on Facebook, Instagram, and Whatsapp with your family, relatives, and friends too.
Also, Read
Best-One Word Caption in Hindi For Friends
Selfish Quotes in Hindi
Good Morning images For Love
If you need more Quotes, wishes, Shayari, Messages, and anything else please let us know in a comment. thank you for your precious time enjoy the below article. If you want to read more new and best articles like this then keep visiting thegoodmorningimagess.com.
किसी न किसी पे किसी को ऐतबार हो जाता है,
अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है,
खूबियों से नहीं होती मोहब्बत सदा,
खामियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है।।
किन लफ़्ज़ों में इतनी कड़वी कसैली बात लिखूं,
मैं सच लिखूं के अपने हालत लिखूं,
कैसे लिखूं मैं चांदनी रातें,
जब गरम हो रेत तो कैसे मैं बरसात लिखूं।।
सभी नग्मे साज़ में गाये नहीं जाते,
सभी लोग महफ़िल में बुलाये नहीं जाते,
कुछ पास रह कर भी याद नहीं आते,
कुछ दूर रह कर भी भूलाये नहीं जाते।।
Friendship Poem in Hindi For Best Friend
Table of Contents
दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला
वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़माने वाला।
अब इसे लोग समझते हैं गिरफ्तार मेरा
सख्त नदीम है मुझे दाम में लाने वाला।
सुख-दुख के अफसाने का
ये राज है सदा मुस्कुराने का
ये पल दो पल की रिश्तेदारी नहीं
ये तो फ़र्ज है उम्र भर निभाने का
जिन्दगी में आकर कभी ना वापस जाने का
ना जानें क्यों एक अजीब सी डोर में बन्ध जाने का
इसमें होती नहीं हैं शर्तें
ये तो नाम है खुद एक शर्त में बन्ध जाने का
वो दोस्त ना जाने कहां गुम हो गया
बचपन में जो मेरे संग खेला करता था,
जो बारिश में मेरे संग भीगा करता था।
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जब मेरे संग गांव की गलियों में खूब खेला करता था,
जिसके संग जिंदगी जिया करते थे।
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसको सब कुछ बता दिया करता था,
जिसके संग खूब हंसी ठिठोली किया करता था।
मैं यादों का पिटारा खोलू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
मैं गांव की गलियों से गुजरू
पेड़ की छांव में बैठू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
वो हंसते मुस्कुराते दोस्त
ना जाने किस शहर में गुम हो गए,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
कोई मैं में उलझा है तो कोई तू उलझा है
नहीं सुलझ रही है अब इस जीवन की गुत्थी,
अब दोस्त बहुत याद आते है।
— डॉ हरिवंश राय बच्चन
वो बचपन अच्छा था
ये जवानी हार गई स्कूल के दिन अच्छे थे
ये कॉलेज की इंजीनियरिंग मार गई
वो मोज मस्ती तो स्कूल की थी
जहाँ पहली से ना छोड़ा दसवीं तक का साथ
वो स्कूल नहीं परिवार था
जहां सब एक दूसरे के लिए मरते थे
बिछडने का ना ग़म कोई और खुशी के पल साथ जिया करते थे
टिफिन कोई लाता था और खा कोई जाता था
पर भूखा कोई ना जाता था
प्रेम और त्याग के धागे से जुड़ा,
एक विश्वास है दोस्ती।
दुनिया के सभी रिश्तों में,
सबसे खास है दोस्ती।
दिलों को दिलों से जोड़ने वाला,
एक प्यारा अहसास है दोस्ती।
जीवन मे घोलदे जो रस,
वह मिठास है दोस्ती।
पूरी हो जाये जो हरदम,
वह आस है दोस्ती।
Funny Poem in Hindi for Friends
दूध पानी जैसा यारा अपना दोस्ताना।
देकर जोर से धक्का काम है उठाना।।
उठना गिरना चलना दोस्ती के संग।
रुलाकर बिखेरेंगे अप्रैल फूल के रंग।।
रंगों से सराबोर होता अपना मेल मिलाप।
नई ज़िल्द में लिपटे पुरानी यादों की किताब।।
किताब का हर पन्ना मौज मस्ती की कहे कहानी।
लिखा किस चेहरे को देख तेरे मुंह में था पानी।।
पानी जिस गम से आये वह गम भी हमें बताना।
काम होगा हमारा तुरंत उसे हरिद्वार पहुँचाना।।
तुम सदा मुस्कुराते रहो
यह तमना है हमारी
हर दुआ में मांगी है
बस ख़ुशी तुम्हारी
तुम साड़ी दुनिया को दोस्त बनाकर देख लो
फिर भी महसूस करोगे कमी हमारी
Ishq Aur Dosti Meri Zindgi Ke Do Jahan Hain,
Ishq Meri Rooh Toh Dosti Mera Imaan Hai,
Ishq Pe Kar Doon Fida Apni Saari Zindgi,
Magar Dosti Pe Toh Mera Ishq Bhi Qurbaan Hai.
दोस्ती जब किसी से की जाये|
दुश्मनों की भी राय ली जाये|मौत का ज़हर है फ़िज़ाओं में,
अब कहाँ जा के साँस ली जाये|बस इसी सोच में हूँ डूबा हुआ,
ये नदी कैसे पार की जाये|मेरे माज़ी के ज़ख़्म भरने लगे,
आज फिर कोई भूल की जाये|बोतलें खोल के तो पी बरसों,
आज दिल खोल के भी पी जाये|
Poem about friendship with rhyme
मैं यादों की किताब खोलू तो
कुछ हंसते गाते चेहरे नजर आते है,
गौर से देखा तो कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
कुछ शहरों के गुलाम हो गए
तो कुछ सपनों के गुलाम हो गए।
यादें और गहरी हुई तो
गुलाल में रंगे कुछ चेहरे याद आते है,
गौर से देखा तो कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
धूल को उड़ते और
बारिश की बूंदों को टपकते देखा तो,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
यादों की किताब के कुछ पन्ने पलटे तो
खट्टे-मीठे बेर और स्कूल के दिन याद आ गए ,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
–नरेंद्र वर्मा
Poetry on Friendship in Hindi
दोस्त वो है जो थाम के रखता है हाथ
परवाह नहीं उसको कौन है तुम्हारे साथ
उसकी आखों में चमक दिखती है
जब होता है तुम्हारे साथ
गुजर जाता है वक़्त मिनटों में
जब करते हैं उससे बात
दोस्त वो हैं जो सामने आ जाये गर
खुद बयाँ हो जाते हैं दिल के हालत
कुछ सोचना नहीं पड़ता
जब होती है उससे बात
दोस्त वो है जो बिन कहे समझ लेता है हर बात
बस हम छिपा नहीं सकते उससे कोई भी राज
दोस्ती तेरी मेरे यार.
मुझे जान से प्यारी है।
तेरा साथ रहे जीवन में.
तो लगे जैसे सारी खुशियाँ हमारी है।
तेरी एक हंसी के लिए मेरे दोस्त,
तोड़ लाऊँ मैं आसमाँ से तारे भी।
क्योंकि तेरी खुशियाँ से ही,
ये दुनियाँ हमारी है।
तू कह दे तो हवाओं का रुख मोड़ दूँ,
तू कह दे तो तूफानों को भी रोक दूँ।
तुझ पर तो कुर्बान,
ये जान हमारी है।
तेरा हर ख्वाब पूरा करने को,
मैं पूरी ज़िंदगी बिता दूँ।
दिल कहता है तेरी जिंदगी को जन्नत बना दूँ,
तेरे लिए ही बनी ये जवानी हमारी है।
मैं यादों का पिटारा खोलू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
मैं गांव की गलियों से गुजरू
पेड़ की छांव में बैठू तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
वो हंसते मुस्कुराते दोस्त
ना जाने किस शहर में गुम हो गए,
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
कोई मैं में उलझा है तो कोई तू उलझा है
नहीं सुलझ रही है अब इस जीवन की गुत्थी,
अब दोस्त बहुत याद आते है।
जब मैं मनाता हूं कोई त्यौहार
तो हंसते गाते दोस्त नजर आते है,
लेकिन अब तो होली, दिवाली भी मिलना नहीं होता।
कोई पैसा कमाने में व्यस्त है
तो कोई परिवार चलाने में व्यस्त है
याद करता हूं पुराने दिन तो
कुछ दोस्त बहुत याद आते है।
– डॉ हरिवंश राय बच्चन
दोस्ती पर कविता कुमार विश्वास
यारों की यारी
दो यारों की यारी
जीवन रंगीन बनाये
कभी कभी हँसाये
कभी दिल ए हाल सुनाये
मुस्कराये जैसे सुंगधित हवा
मिटाये दर्द बनकर दवा
मुसीबत आये तो बने दुआ
कुर्बान जां का रवा रवा
उलझे रिश्तों की सच्ची सुलझन
दोस्ती में जिंदगी सदा ही बचपन
दूर करे दोस्त मन की तड़पन
प्रीत का ऐसा धागा जिसमें धड़कन
तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनिया
आज तन्हा हूँ तो कोई नहीं आने वाला
मुंतज़िर किस का हूँ टूटी हुई दहलीज़ पे मैं
कौन आएगा यहाँ कौन है आने वाला
क्या ख़बर थी जो मिरी जाँ में घुला है इतना
है वही मुझ को सर-ए-दार भी लाने वाला
मैं ने देखा है बहारों में चमन को जलते
है कोई ख़्वाब की ताबीर बताने वाला
तुम तकल्लुफ़ को भी इख़्लास समझते हो फ़राज़
दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला
— अहमद फ़राज़
Dosti Dard Nahi Khushiyon Ki Saugat Hai,
Kisi Apne Ka Zindgi Bhar Ka Saath Hai,
Ye Toh Dilon Ka Woh KhoobSurat Ehsaas Hai,
Jiske Dam Se Roshan Yeh Saari Kaaynat Hai.
कहीं देखा हैं तुमने उसे
जो मुझे सताया करता था
जब भी उदास होती थी मैं
मुझे हँसाया करता था
एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा
जो मुझे अब भी याद आता हैं
खो गया वक्त के भँवर में कहीं
जो हर पल मेरे साथ होता था
आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर
तो उसे मेरा संदेशा देना
कोई है जो आज भी उसका इंतजार कर रहा है
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था.
ए दोस्त मैं जब तेरे साथ होता था,
तो पता नहीं कब सुबह से शाम हो जाती थी।
अब हर पल ऐसा लगता है ए दोस्त,
जैसे समय रुक सा गया है।
राह में चलते चलते मंजिलें तो मिल गई,
लेकिन तेरी दोस्ती छूट गई।
बचपन में देखे गए ख्वाब सब पूरे हो गए,
लेकिन तेरे बिना सब अधूरे से लगते है।
ए मेरे दोस्त एक बार फिर लोट आ,
फिर से वो बचपन के पल जीते है।
— नरेंद्र वर्मा
Best Poem in Hindi For Friendship
मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
कैसे फूल जैसी जिंदगी पत्थर बन गई है।
खुद को मनाने की कोशिश करता हूं बहुत,
लेकिन क्या करूं दिल है कि मानता ही नहीं।
मैं ना जानू दोस्त तेरी दूर हो जाने के बाद,
मेरे चेहरे की हंसी कहां गुम हो गई।
मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
बाजारों की रौनक भी फीकी लगती है।
तू कब आएगा मेरे भाई मेरे दोस्त,
तेरे को हर दिन गले लगाने का मन करता है।
दोस्ती पर कुछ तरस खाया करो,
बेज़रूरत भी कभी आया करो,
सोचो मैंने क्यों कही थी कोई बात,
हूबहू मुझको न दोहराया करो,
रोशनी के तुम अलमबरदार हो
रोशनी में भी कभी आया करो,
बर्फ़ होता जा रहा हूँ मैं नदीम,
मेरे ऊपर धूप का साया करो,
–ओम प्रकाश नदीम
दोस्ती की इक सुन्दर गीत
एक दिल दूजा लेता जीत
नहीं कभी कोई जीत हार
भावनात्मक रिश्ता रहे प्यार
प्यार से रखे ख्याल इक यार
हंसाके तुमको देता उपहार
करता तुमसे ढेरों बातें
तुम भी उसको राज बताते
बताते बताते वह तुम्हे सिखाता
आखिर कैसे यह दोस्ती का नाता
मित्र वही है सच्चा,
जो सत्य का मार्ग दिखाए।
अँधियारे पथ पर जीवन के,
हरदम आशा के दीप जलाए।
मित्र वही है सच्चा,
जो हर पल ही मुस्कुराए।
जीवन की बगिया में हरदम,
ख़ुशियों के फूल खिलाए।
मित्र वही है सच्चा,
जो निराशा को दूर भगाए।
देकर नई आशाएं जीवन में,
उम्मीद की किरण जगाए।
मित्र वही है सच्चा,
जो कभी नही घबराएं।
मजबूत इरादों से हरदम वो,
मित्रता का मान बढ़ाए।
–Nidhi Agarwal
दुःख मिलने पर ये अजब भी हैं,
और यह प्यार का जवाब भी हैं,
दोस्ती यु तो माया जाल हैं,
इक हकीकत भी हैं ख़याल भी हैं।
कभी जमीं कभी फ़लक भी हैं,
दोस्ती झूठ भी हैं सच भी हैं,
दिल में रह जाए तो कसक भी हैं,
कभी ये हर भी हैं जीत भी हैं।
दोस्ती साज भी हैं संगीत भी हैं,
शेर भी नमाज़ भी गीत भी हैं,
वफ़ा क्या हैं वफ़ा भी दोस्ती हैं,
दिल से निकली दुआ भी दोस्ती हैं।
बस इतना समझ ले तू
एक अनमोल हिरा हैं दोस्ती।
Poetry in Hindi on Friendship
Tum Sada Muskurate Raho Yeh Tamanna Hai Humari,
Har Dua Mein Maangi Hai Bas Khushi Tumhari,
Tum Saari Duniya Ko Dost Bana Kar Dekh Lo,
Phir Bhi Mahsoos Karoge Kami Humaari.
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसके संग गोलगप्पे खाया करता था,
जिसके संग मेला देखने जाया करता था।
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसके संग बाजारों में घूमा करता था,
जिसके संग फिल्में देखा करता था।
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जिसकी एक आवाज पर दिल झूम उठता था,
जिसके संग हर पल खुश रहता था।
ना जाने वो दोस्त कहां गुम हो गया
जो दोस्ती निभाने का वादा करता था,
जो दोस्त नहीं भाई बोला करता था।
–नरेंद्र वर्मा
आओ, मुझमें नहाओ
डूबकी लगाओ
प्यार का सौंधा पानी
हाथों में भर कर ले जाओ
आओ
जी भर कर गोता लगाओ
मौज-मस्ती की शंख-सीपियाँ
जेबों में भर कर ले जाओ
दोस्ती का दरिया
गहरा है, फैला है
इसमें नहीं तैरती
धोखे की छोटी नौका
कोशिश की तो
बचने का नहीं मिलेगा मौका
Poetry in Hindi on Friends
कुछ शहरों के गुलाम हो गए
तो कुछ सपनों के गुलाम हो गए।
यादें और गहरी हुई तो
गुलाल में रंगे कुछ चेहरे याद आते है,
गौर से देखा तो कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
धूल को उड़ते और
बारिश की बूंदों को टपकते देखा तो,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
यादों की किताब के कुछ पन्ने पलटे तो
खट्टे-मीठे बेर और स्कूल के दिन याद आ गए ,
कुछ दोस्त पुराने याद आते है।
— नरेंद्र वर्मा
मेरे दोस्त की परछाई के आगे अब कुछ भी नहीं
है तो बस एक तेरी तस्वीर
तू दूर जाये जितना मुझसे
उतना ही पास तेरे आना चाहु
देखने तेरी वो मुस्कान
अब राह तेरी थामु
कभी लहरों में फसे नाविक को,
बचा लेती दोस्ती।
कभी ख्वाबों को देकर पंख,
उचाईया छू लेती दोस्ती।
प्यार का समुंदर है दोस्ती,
जिसमें दुःखों के आँसू छिप जाते है।
ख़ुशियों का पिटारा है दोस्ती,
जिसमें मुस्कुराहट के मोती बिखर जाते है।
कभी समंदर तो कभी आसमाँ है दोस्ती,
प्यार भरे रिश्ते का एक नाम है दोस्ती।
— Nidhi Agarwal
Saath Agar Doge Toh Muskurayenge Jarur,
Pyar Agar Dil Se Karoge Toh Nibhayenge Jarur,
Kitne Bhi Kante Kyu Na Ho Dosti Ki Raaho Mein,
Aawaz Agar Dil Se Doge To Aayenge Jarur.
कभी दोस्ती के सितम देखते हैं
कभी दुश्मनी के करम देखते हैं
कोई चहरा नूरे-मसर्रत से रोशन
किसी पर हज़ारों अलम देखते हैं
अगर सच कहा हम ने तुम रो पडोगे
न पूछों कि हम कितने गम देखते हैं
गरज़ उउ की देखी, मदद करना देखा
और अब टूटता हर भरम देखते हैं
ज़ुबाँ खोलता है यहां कौन देखें
हक़ीक़त में कितना है दम देखते हैं
उन्हें हर सफ़र में भटकना पडा है
जो नक्शा न नक्शे-क़दम देखते हैं
यूँ ही ताका-झाँकी तो आदत नहीं है
मगर इक नज़र कम से कम देखते हैं
थी ज़िंदादिली जिन की फ़ितरत में यारों !
‘यक़ीन’ उन की आँखों को नम देखते हैं
Poem in Hindi on Friendship
एक दिन जिंदगी ऐसे मुकाम पर पहुँच जाएँगी।
दोस्ती तो सिर्फ़ यादों में ही रह जाएँगी।
हर बात दोस्तों की याद दिलायेंगी।
और हँसते हँसते फिर आँख नम हो जाएँगी।
ऑफिस के रूम में क्लासरूम नज़र आएँगी।
पैसे तो बहोत होंगा।
लेकिन खर्चा करने के लम्हें काम हो जायेंगें।
जी लेंगे खुल के इस पल को मेरे दोस्त।
क्यूँ के जिंदगी इस पल को फिर से नहीँ दोहराएँगी।
आखिर क्यों हम
गए इतने घुलमिल
लगा साथ में रह उसके
रखे मेरे जैसा ही दिल
उदासी में वह जोक्स सुनाये
किस्से ढेरों उसको आये
कभी शांति से सुने मुझको
कभी दे प्रेरणा मुझे जगाये
जरूरत पड़ी तो दिया साथ
मैंने भी वैसे ही बढ़ाया हाथ
उसके संग क्या दिन व रात
हर वक्त मजे सर्दी बरसात
बने चाहे दुश्मन क्यों न जमाना सारा,
सच्चा दोस्त साथ देता है सदा हमारा,
दोस्त के लिए कुर्बान होता है जीवन सारा,
हर मुश्किल में बनता है वो सहारा।।
सच्ची दोस्ती को वक्त परखता हर बार है,
वक्त की हर परीक्षा से हसते हुए पास करना ही दोस्ती की पहचान है,
दुनिया की किसी शौहरत की न जिसे दरकार है,
सच्चा दोस्त रखने वाला संसार में सबसे धनवान है।।
—वन्दना शर्मा।
कुछ भी सीक्रेट हो सबसे पहले दोस्तों को बताना,
किसी को कुछ बताओ या ना बताओ पर अपने दोस्तो को जरूर बताना।
क्या यार है मेरे, ये यारी कभी ना टूटे,
चाहे कुछ भी हो, पर ये यारी कभी ना छूटे।
जब दोस्त की कोई बात दूसरो से सुनने को मिलती है,
तो चेहरा उदास कर बोलना,
यार ये तुने ठीक नही किया,
आज से कट्टी है तुझ से,
फिर दुसरे ही पल गले लग कर सबकुछ भुला देना।
–रानी झा
सच्ची दोस्ती में हर एक रिश्ता मिल जाता है
मगर हर रिश्ते में दोस्ती नहीं मिलती।
दोस्ती दो के बीच समता और एकता
जो सुख दुख में भी निभाया जाता।
सच्ची दोस्ती में न दूरी
न नजदीकी है जरूरी
हर हाल में पक्की बनी रहती है
जो करते हैं
वे समझें मेरी बात
न मोहब्बत, न इजहार
पहले दोस्ती करो
फिर प्यार
–सुशीला सुक्खु